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फ्रांस ने 303 भारतीयों से भरे विमान को क्यों किया जब्त? पेरिस से दिल्ली तक हाहाकार!


पेरिस
: फ्रांस ने भारतीय नागरिकों को लेकर निकारागुआ जा रहे एक विमान को रोक दिया है। इस विमान में 303 भारतीय नागरिक सवार हैं। फ्रांसीसी एजेंसियों को संदेह है कि इस विमान का इस्तेमाल मानव तस्करी के लिए किया जा रहा है। फ्रांसीसी अभियोजकों ने कहा कि विमान को एक अज्ञात सूचना के बाद हिरासत में लिया गया है। यह घटना तब सामने आई है, जब फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को भारत ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया है। मैक्रों ने ट्वीट कर खुद इस न्योते को कबूल करने की जानकारी दी है। मैक्रों को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के इनकार करने के बाद मुख्य अतिथि के लिए आमंत्रण भेजा गया था।

फ्रांसीसी अधिकारियों ने क्या बताया

समाचार एजेंसियों के अनुसार, फ्रांसीसी अधिकारियों ने दावा किया है कि भारत से निकारागुआ जा रहे इस विमान का इस्तेमाल मानव तस्करी के लिए किया जा सकता है। इस विमान ने संयुक्त अरब अमीरात से उड़ान भरी थी। फ्रांसीसी अधिकारियों ने जानकारी दी है कि इन यात्रियों की यात्रा की शर्तों और उद्देश्यों को लेकर न्यायिक जांच शुरू हो गई है। अधिकारी मानव तस्करी के संदेह की जांच कर रहे थे।

फ्लाइट के बारे में क्या है जानकारी

इस उड़ान में एक रोमानियाई चार्टर कंपनी के जहाज का इस्तेमाल किया गया था, जिसने दुबई से उड़ान भरी थी। जब पुलिस ने हस्तक्षेप किया तो यह तकनीकी ठहराव के लिए छोटे वैट्री हवाई अड्डे पर उतरा। पुलिस ने कहा, "यात्रियों को सर्वोत्तम संभव स्वागत सुविधाएं प्रदान करने के लिए वैट्री हवाई अड्डे पर रिसेप्शन हॉल को अलग-अलग बिस्तरों के साथ एक वेटिंग लाउंस में बदल दिया गया है।" फ्रांसीसी अधिकारियों ने अभी तक यह नहीं बताया है कि इन भारतीय नागरिकों को कितने दिन और रखा जाएगा या फिर इन्हें भारत डिपोर्ट करने की कोई तैयारी है।

निकारागुआ और मानव तस्करी का क्या कनेक्शन

निकारागुआ एक मध्य अमेरिकी देश है। निकारागुआ के उत्तर में होंडुरास, पूर्व में कैरेबियन, दक्षिण में कोस्टा रिका और पश्चिम में प्रशांत महासागर स्थित है। यह देश अमेरिका में अवैध तरीके से प्रवेश करने वालों के लिए जन्नत है। इस देश के रास्ते हर साल हजारों की संख्या में अवैध प्रवासी अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर पहुंचते हैं। इस रास्ते में अवैध प्रवासियों को कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है, जिसमें भौगोलिक स्थिति और चोरी-डकैती जैसी घटनाएं भी शामिल होती हैं। निकारागुआ में इन प्रवासियों को लेकर कोई खास जांच भी नहीं की जाती है।